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Gnannayandas Swami; Priyaswarupdas Swami. सत्संगदीक्षा और वचनामृत में समरसता – अक्षरपुरुषोत्तम दर्शन के परिप्रेक्ष्य में. BSRJ 2025, 4, 91-122.